आओ आओ होनहार ओ प्यारे बच्चे
प्यारे बच्चे, उमर के कच्चे, बात के सच्चे
जीवन की एक बात बुताऊँ
मुसीबतों से डरो नहीं
बुज़दिल बन के मरो नहीं
रोते-रोते क्या है जीना
नाचो दुख में तान के सीना
तक तक धुम धुम
रात अंधियारी हो, घिरी घटायें कारी हों
रास्ता सुनसान हो, आँधी और तूफ़ान हों
मंज़िल तेरी दूर हो
पाँव तेरे मजबूर हों
तो क्या करोगे
रुक जाओगे
ना
तो क्या करोगे
तक तक धुम धुम
देश में विपदा भारी होजनता सब दुखियारी हो
भूख भरी आकाल होबाढ़ और भूचाल हो
मुल्क में हाहाकार होचारों तरफ पुकार हो
तो क्या करोगे
चुप बैठोगे
तो क्या करोगे
तक तक धुम धुम
ओ
इन्सानों के दुःख हल्कान, करके अपना सब क़ुरबान
बेबस का घर बस जाये, अपना घर जो उजड़ जाये
औरों को करके आबाद
हुये अगर जो तुम बरबाद
तो क्या करोगे
रोओगे
ना
तो क्या करोगे
तक तक धुम धुम
ओ
जग में घोर लड़ाई हो, वतन पे आफ़त आई हो
घर में घुसे लुटेरे हों, आज़ादी को घेरे हों
बन्दूकों की मार हो
बड़े-बड़े लाचार हों
तो क्या करोगे
डर जाओगे
ना
तो क्या करोगे
तक तक धुम धुम