रजनीगंधा फूल तुम्हारे, महके यूँ ही जीवन में
यूँ ही महके प्रीत पिया की, मेरे अनुरागी मन में
अधिकार ये जब से साजन का हर धड़कन पर माना मैंने
मैं जबसे उनके साथ बँधी, ये भेद तभी जाना मैंने
कितना सुख है बंधन में
रजनीगंधा फूल तुम्हारे…
हर पल मेरी इन आँखों में बस रहते हैं सपने उनके
मन कहता है मैं रंगों की, एक प्यार भरी बदली बनके
बरसूँ उनके आँगन में
रजनीगंधा फूल तुम्हारे…