पी के घर आज प्यारी दुल्हनिया चली
रोएं माता पिता उनकी दुनिया चली
भैया बहना के दिल को लगी ठेस रे
मेरी क़िस्मत में जाता था परदेस रे
छोड़ कर अपने बाबुल का आँगन चली
पी के घर आज प्यारी दुल्हनिया चली
भैया बाबा ने सुख मोहे सारे दिए
मोरे गौने में चाँद और सितारे दिए
साथ ले कर मैं सारा गगनदी चली
पी के घर आज प्यारी दुल्हनिया चली
कोई गुण ढंग न मुझ में कोई बात है
मोरी चूड़ियों की लाज अब तोरे हाथ है
तोरे संग मैं जीवन भर को सजना चली
पी के घर आज प्यारी दुल्हनिया चली