ओ बाबुल प्यारे
ओ रोए पायल की छम छम
ओ सिसके सासों की सरगम
ओ निसदिन तुझे पुकारे मन, हो
ओ बाबुल प्यारे…
तेरी ही बाहों में बचपन खेला, खिलती गयी जिंदगानी
आँधी ऐसी फिर चली, टूटी डाली से कली
माली माली के उजड़ा चमन, हो
ओ बाबुल प्यारे…
कैसे अभागन बने सुहागन, कौन बिठाए डोली
कैसे आएगी बारात, कैसे होंगे पीले हाथ
कैसे बेटी बनेगी दुल्हन, हो
ओ बाबुल प्यारे…
जनक ने कैसे त्याग दिया है, अपनी ही जानकी को
बेटी भटके राहों में, माता डूबी आहों में
तरसे तेरे दरस को नयन, हो
ओ बाबुल प्यारे…